Digital Life Certificate, पेंशनभोगियों के लिए सुविधापूर्ण जीवन

एक पेंशनभोगी को अपनी पेंशन को आगे जारी रखने के लिए हर साल नवंबर माह में Digital Life Certificate प्रस्तुत करना होता है। पूर्व पद्धति के अनुसार, यदि पेंशनभोगी पेंशन संवितरण प्राधिकारी (PDA) के समक्ष व्यक्तिगत रूप से स्वयं उपस्थित होता है तो पेंशन संवितरण प्राधिकारी (PDA) द्वारा Digital Life Certificate दर्ज किया जा सकता है। यदि पेंशनभोगी किसी नामित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित Digital Life Certificate प्रस्तुत करता है, तो उसे व्यक्तिगत रूप से स्वयं उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होती। पेंशन संवितरण प्राधिकारी (PDA) द्वारा जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त न होने के कारण पेंशन बंद होने से संबंधित कई शिकायतें पेंशनभोगियों से प्राप्त होती थीं। वरिष्ठ पेंशनभोगियों की चिंताओं और मैनुअल प्रक्रिया में -उनके समक्ष आने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुये, इस प्रक्रिया को I सुप्रवाही बनाने और Digital Life Certificate प्रस्तुत करने के लिए डोरस्टेप सेवा शुरू करने की आवश्यकता को महसूस किया गया।

जीवन प्रमाणपत्र की पूर्व प्रक्रिया में कमियां

पेंशनभोगियों को Digital Life Certificate प्रस्तुत करने के लिए पेंशन संवितरण प्राधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से स्वयं उपस्थित होना होता था, और वयोवृद्ध, बीमार और दुर्बल पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए बैंक शाखाओं के बाहर लंबी कतारों में खड़े होना काफी कष्टदायक था।

इस मैनुअल प्रणाली में, पेंशनभोगियों के पास अद्यसित स्तर की जानकारी प्राप्त करने के लिए कोई त नही था और Digital Life Certificate न मिलने के कारण अचानक ही पेंशन बंद हो जाती थी।

जीवन प्रमाण पोर्टल का शुभारंभ

माननीय प्रधान मंत्री जी द्वारा Digital Life Certificate प्रस्तुत करने के लिए नवंबर 2014 में, एक ऑनलाइन प्रणाली “जीवन प्रमाण” का शुभारंभ किया गया था।

यह कार्य कैसे करता

जीवन प्रमाण Digital Life Certificate (DLC) को तैयार करने के लिए आधार प्लेटफार्म का प्रयोग करता है और डीएलसी को जीवनप्रमाण पोर्टल पर संग्रह करता है ताकि पेंशन संवितरण प्राधिकारियों (PDA) द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सके।

पेंशन संवितरण प्राधिकारी (PDA) उपलब्ध डीएलसी पर दैनिक रूप से कार्रवाई करते हैं और पेंशनभोगी को निर्बाध रूप से पेंशन जारी करते हैं।

जीवन प्रमाण पोर्टल की प्रमुख विशेषताएं

अब पेंशनभोगी किसी भी समय और किसी भी स्थान से ऑनलाइन Digital Life Certificate प्रस्तुत कर सकता है।

जीवन प्रमाण पोर्टल की वजह से जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की प्रक्रिया तेज और अधिक पारदर्शी बन गई है, क्योंकि अब पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र के तैयार होने और स्वीकृत होने के बारे में एसएमएस द्वारा सूचना मिल जाती है।

बैंक अतिरिक्त संसाधनों का प्रयोग किए बिना ही, अपने पेंशनर्स डाटाबेस में एक क्लिक के द्वारा हजारों जीवन प्रमाणपत्र रिकार्डों को अद्यतित कर सकते हैं।

जीवन प्रमाण पोर्टल ने प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा से समझौता किए बिना, वरिष्ठ पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए डोरस्टेप सेवा प्रदान करने की नींव रखी है।

जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए डोरस्टेप सेवा

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने वर्ष 2018 में पेंशनभोगी संघों के माध्यम से 7 शहरों में “घर से डीएलसी अभियान” नामक एक प्रायोगिक कार्यक्रम शुरू किया। इस अभियान का उद्देश्य वृद्ध और दुर्बल पेंशनभोगियों को घर से डिजिटल रूप में जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने में मदद करना था। वर्ष 2019 में इस परियोजना का विस्तार 24 शहरों तक किया गया और पंजीकृत पेंशनभोगी संघों के सहयोग से वर्ष 2021 तक यह क्रम जारी है।

पेंशनभोगियों के लिए सुविधापूर्ण जीवन

  • जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए डोरस्टेप सेवा को देशभर के पेंशनभोगियों को उपलब्ध करने के उद्देश्य से, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के लिए डाक विभाग के अधीन भारतीय डाक और भुगतान बैंक (IPPB) को शामिल किया। अब आईपीपीबी पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के मुख्य लक्ष्य अर्थात घर से डीएलसी को पूरा कर रहा है, और 1,89,000 डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों की मदद से पेंशनभोगियों के घर से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त किए जा रहे हैं। इससे पेंशनभोगियों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को बड़ी राहत मिली है।
  • पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको के समूह (पीएसबी एलाअंस) को अपने साथ सम्मिलित करने में सक्रिय भूमिका निभाई. जिसने बैंकिंग सुधार के सरलीकरण के तहत देश के 100 प्रमुख शहरों में अपने ग्राहकों के लिए “डोरस्टेप बैंकिंग” शुरू की है। परिणामस्वरूप, पीएसबी एलाउंस ने डोरस्टेप बैंकिंग के तहत जीवन प्रमाणपत्र एकत्र करने की सेवा शुरू की है।
  • विभाग को पता चला कि अति वरिष्ठ नागरिकों को उनकी आयु के साथ बदलते बायोमेट्रिक्स के कारण कुछ असुविधा हो रही थी। तदनुसार, दिनांक 11.09.2020 और 23.11.2020 के अपने कार्यालय ज्ञापनों के द्वारा पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने सभी पेंशन संवितरण बैंकों को सलाह दी कि वे भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमत दिशानिर्देशों के अनुसार, पेंशनभोगियों से जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए एक अतिरिक्त प्रसुविधा के रूप में वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी सीआईपी) को अपनाएं। यूको बैंक इस क्षेत्र में अग्रणी बन गया है और इसने अपने पेंशनभोगियों के लिए वीडियो आधारित जीवन प्रमाणपत्र शुरू किया है।
  • इसके अतिरिक्त, विभाग ने विदेश में रहने वाले छोटे किन्तु बहुधा उपेक्षित समूह के पेंशनभोगियों की समस्या का भी समाधान किया और विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया कि सभी भारतीय दूतावासों / उच्चायोगों / वाणिज्य दूतावासों को जीवन प्रमाणपत्रों का पृष्ठांकन करने के लिए एक कार्यप्रणाली तैयार करने के लिए निदेश दिया जाए और साथ ही पेंशन संवितरण बैंकों के अंतर्राष्ट्रीय बँकिंग प्रभागों को ऐसे पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रसुविधा देने के निर्देश दिए जाए।
  • 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के अति वरिष्ठ नागरिकों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें 1 अक्टूबर से एक अलग विंडो प्रदान की गई है ताकि उन्हें 1 नवंबर से होने वाली सामान्य भीड़ से बचाया जा सके।
  • महामारी को ध्यान में रखते हुए और पेंशन संवितरण बैंकों में भीड़ कम करने के उद्देश्य से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की समयसीमा को 30 नवंबर, 2020 से बढ़ाकर 28 फरवरी, 2021 कर दिया गया।

संख्या में सफलता

  • वर्ष 2020 में, 75 लाख पेंशनभोगियों ने जीवन प्रमाण के माध्यम से अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा किया, जिसमें से 12 लाख केंद्रीय सरकार के पेंशनभोगी हैं।
  • 97 पेंशन संवितरण प्राधिकरण ऑनबोर्ड है और जीवन प्रमाण के माध्यम से ऑनलाइन जीवन प्रमाणपत्र स्वीकार कर रहे हैं
  • नवंबर, 2020 तक केंद्रीय सरकार के लगभग 65,000 पेंशनभोगियों ने आईपीपीबी की डोरस्टेप् सेवा का लाभ उठाया।
  • नवंबर 2020 तक लगभग 6,546 पेंशनभोगियों ने यूको बैंक की वीडियो आधारित जीवन प्राणन प्रसुविधा का लाभ उठाया

प्रभाव

जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए डोरस्टेप सेवा का उद्देश्य ऐसे पेंशनभोगियों को बड़ी राहत पहुंचाना है जो महामारी और अपनी वृद्धावस्था के कारण अपने घर से बाहर जाने में असमर्थ हैं और जीवन प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए बैंक नहीं जा सकते।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए डोरस्टेप सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, डाक विभाग, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेटी) तथा बैंकों ने एकजुट होकर कार्य किया। इन विभागों के आपसी तालमेल से भविष्य में एक समान लक्ष्य के लिए कार्य करने का और सेवानिवृत्त जनसंख्या की सेवा करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने का माहौल तैयार हुआ !

जीवन प्रमाणपत्र की उपर्युक्त डिजिटल तकनीकी से न केवल 66.73 लाख केंद्रीय सरकारी पेंशनभोगियों को लाभ होगा बल्कि करोड़ों अन्य पेंशनभोगियों को भी लाभ होगा।

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